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सौरभ शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, 52 किलो सोने व नकदी से झाड़ा पल्ला

भोपाल: 26 दिसंबर 2024

राजधानी के विशेष न्यायाधीश रामप्रताप मिश्रा की अदालत ने पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। सौरभ की तरफ से उसके वकील राकेश पाराशर ने अग्रिम जमानत की याचिका पेश की थी। वकील ने अदालत में दलील दी कि आरोपी लोक सेवक नहीं है, इसलिए उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में उसे लोक सेवक मानते हुए एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। जानकारी के अनुसार अरेरा कॉलोनी निवासी सौरभ शर्मा को वर्ष 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। पिछले साल जून महीने में उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उसके बाद उसने भोपाल के नामी बिल्डरों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी का काम शुरू किया और करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। आय से अधिक मामले की शिकायत के चलते भोपाल लोकायुक्त की टीम ने बीती 19-20 दिसंबर को उसके मकान और कार्यालय पर छापा मारकर करीब 8 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था।

इधर आयकर की एक टीम भोपाल के रियल स्टेट कारोबारियों के यहां छापामार कार्रवाई कर रही थी। इसी बीच आयकर की टीम को सौरभ के दोस्त चेतन सिंह गौर की इनोवा कार से 52 किलोग्राम सोना और करीब 11 करोड़ रुपये कैश जब्त किया था। यह पूरा माल सौरभ शर्मा का बताया जा रहा है, जिसे कार के माध्यम से ठिकाने लगाया जाने वाला था।

सौरभ के वकील ने कार्रवाई को गलत बताया, सोने से झाड़ा पल्ला

सौरभ शर्मा की पैरवी करने के लिए ग्वालियर से आए वकील राकेश पाराशर ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा उस पर की गई कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए और पूरी कार्रवाई को ही गलत करार दिया। अधिवक्ता का तर्क था कि सौरभ अब लोकसेवक नहीं है, इसलिए लोकायुक्त छापामार कार्रवाई नहीं कर सकता, क्योंकि लोकायुक्त पुलिस संगठन लोकसेवकों के आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई करता है।

अधिवक्ता पाराशर ने कहा कि जिस कार में सोना मिला है, वह कार सौरभ के नाम से नहीं है। जहां कार पार्क मिली उस जमीन से भी सौरभ का संबंध नहीं है। सोने और नकदी की जब्ती के दौरान ऐसा कोई साक्ष्य या दस्तावेज वहां से नहीं मिला जो यह साबित करे कि उक्त 52 किलो सोना और करोड़ों की नकदी सौरभ शर्मा की है। इससे यह पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि इनोवा कार से आयकर द्वारा जब्त किए गए सोने और नकदी से सौरभ शर्मा का कोई लेना देना नहीं है। वकील ने कहा कि हम जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हैं। जहां हिसाब देना होगा, वो भी देंगे। इससे साफ हो जाएगा कि सौरभ के पास बरामद माल कहां से और कैसे आया है।

गृह मंत्रालय ने जारी किया लुकआउट सर्कुलर

लोकायुक्त और आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान बरामद हुई अकूत संपत्ति की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय के भी दी गई, जिससे बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी सौरभ के खिलाफ जांच शुरू की। बताया जाता है कि वह इन दिनों भोपाल से बाहर है, इसलिए जांच एजेंसियों के अनुरोध पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सौरभ के खिलाफ बुधवार को लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। सर्कुलर जारी होने के बाद सौरभ देश छोड़कर बाहर नहीं भाग पाएगा और वापस लौटने पर उसे एयरपोर्ट से ही हिरासत में ले लिया जाएगा। जांच एजेंसियों से बचने के लिए ही उसने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया है।

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