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एम्स भोपाल की डॉ. रेखा जिवाने और डॉ. रागिनी श्रीवास्तव ने अमेरिकन फिजियोलॉजी समिट 2025 में प्रस्तुत किया अभिनव शोध

भोपाल: 28 अप्रैल 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के सक्षम मार्गदर्शन में फिजियोलॉजी विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. रेखा जिवाने एवं डॉ. रागिनी श्रीवास्तव ने एम्स भोपाल का प्रतिनिधित्व प्रतिष्ठित अमेरिकन फिजियोलॉजी समिट 2025 में किया, जो 24 से 27 अप्रैल 2025 तक बाल्टीमोर, यूएसए में आयोजित हुआ। डॉ. रेखा जिवाने ने अपने शैक्षणिक पोस्टर “शरीर क्रिया विज्ञान में परावर्तक लेखन के प्रति विद्यार्थियों की धारणाएँ: शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास की झलकियाँ” का प्रस्तुतीकरण किया। अपने प्रस्तुतीकरण में डॉ. जिवाने ने यह रेखांकित किया कि फिजियोलॉजी शिक्षा में रिफ्लेक्टिव राइटिंग (परावर्तनात्मक लेखन) को एकीकृत करने से मेडिकल छात्रों के सीखने के अनुभवों में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह नवाचार न केवल शैक्षणिक प्रदर्शन और अवधारण क्षमता को बेहतर बनाता है, बल्कि व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक विकास को भी बढ़ावा देता है। उनके अनुसार, यह अभिनव दृष्टिकोण मेडिकल शिक्षा के एक समग्र मॉडल को प्रोत्साहित करता है, जिससे छात्र अधिक विचारशील, संलग्न एवं आजीवन सीखने वाले बनते हैं।

डॉ. रागिनी श्रीवास्तव ने “पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के प्रबंधन में योग अभ्यास और प्राकृतिक चिकित्सा की नैदानिक प्रभावशीलता” विषय पर अपने शोध पोस्टर का प्रस्तुतीकरण किया। यह अध्ययन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा वित्तपोषित है। डॉ. श्रीवास्तव ने अपने शोध में यह महत्वपूर्ण तथ्य साझा किए कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) के प्रबंधन में प्रभावी पूरक चिकित्सा विधियाँ हैं। उनके निष्कर्षों के अनुसार, प्रतिभागियों में संपूर्ण स्वास्थ्य, हार्मोनल संतुलन, नींद की गुणवत्ता, चिंता में कमी तथा मासिक चक्र के नियमितीकरण में सुधार देखा गया।

 

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “डॉ. रेखा जिवाने एवं डॉ. रागिनी श्रीवास्तव द्वारा अमेरिकन फिजियोलॉजी समिट 2025 में प्रस्तुत शोध कार्य न केवल एम्स भोपाल की शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर हमारे संस्थान की पहचान को भी सशक्त बनाता है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारे फैकल्टी सदस्यों की भागीदारी और शोध प्रस्तुतियाँ निःसंदेह अन्य विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को भी उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान व नवाचार के लिए प्रेरित करेंगी। एम्स भोपाल अपनी अकादमिक व अनुसंधान गतिविधियों के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

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