मप्र में निवेश को लेकर मोहन यादव का बड़ा कार्यक्रम: जीआईएस समिट
मोहन सरकार को आशा है मप्र ग्लोबल निवेश के जरिए मप्र को विकास में अग्रणी रहेगा

भोपाल: 21 फरवरी 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की है, जिसको लेकर उन्होंने राज्यों से आर्थिक विकास बढ़ाने की अपील की, देश के आर्थिक विकास में योगदान को लेकर मप्र में आगामी 24 – 25 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर समिट का आयोजन होने जा रहा है, समिट का शुभारंभ पीएम मोदी करेंगे। देखा जाए तो यह औपचारिक रूप से प्रदेश में तीसरी ग्लोबल इंवेस्टर समिट हो रही हे, इससे पहले दो इंवेस्टर समिट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में, मगर इस बार की ग्लोबल इंवेस्टर समिट कुछ अलग बनाने के लिए सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में संभागीय स्तर पर 7 रीजनल इंवेस्टर कॉन्क्लेव किए, इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के बाहर जाकर मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, कोयम्बतूर, दिल्ली, बेंगलुरू सहित अन्य शहरों में जाकर उद्योगपतियों से मुलाकात करके मप्र में निवेश का न्योता दिया। मप्र में आर्थिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सीएम मोहन यादव ने जापान, इंग्लैंड, फ्रांस जैसे देशों में भी जाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मप्र में निवेश की संभावनाओं को वहां के उद्योगपतियों को बताया, देश विदेश के उद्योगपतियों, निवेशकों से मुलाकात के बाद ग्लोबल इंवेस्टर समिट की भूमिका तैयार हुई। तमाम उद्योगपतियों से चर्चा के बाद मप्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने के लिए प्रदेश की विभिन्न 17 पॉलिसियों में बदलाव किया गया, नई पॉलिसी भी बनाई गई, सीएम मोहन यादव ने 2028 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करके 7 लाख करोड़ करने की मंशा जताई है, इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने 2028 तक प्रदेश के 70 फीसदी लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का वादा किया हे, जिसके लिए मप्र में देश – विदेश से निवेश लाने के प्रयास किए जा रहे हे। मोहन यादव सरकार मप्र में फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, नवकरणीय ऊर्जा, आई टी, एमएसएमई, फार्मा, टूरिज्म, एयरो स्पेस, डिफेंस, जैसे सेक्टरों पर निवेश को लेकर फोकस कर रही है, निवेश करने के लिए निवेशक को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए नियमों का सरलीकरण किया गया हे, जिला स्तर पर लैंड बैंक बनाए जा रहे है, निवेशकों को सरकारी स्तर पर सब्सिडी, बुनियादी सुविधाएं, जैसे तमाम प्रयास किए जा रहे हे। मप्र के स्थानीय उत्पादों को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए समिट में प्रदेश के उत्पादों के 38 विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे, समिट में 60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि और उद्योगपतियों के अलावा देश के लगभग सभी बड़े उद्योगपति घरानों के शामिल होने की संभावना है। टाटा, बिड़ला, गोदरेज, अडानी जैसे कई बड़े औद्योगिक घरानों से समिट में आने की सहमति भी मिल गई है, समिट को खासतौर से प्रदेश की कला और संस्कृति से जोड़ने के लिए कार्य किए जा रहे हे, मेहमानों को मप्र की सांस्कृतिक विरासत से परिचय करवाया जाएगा,, इस ग्लोबल इंवेस्टर समिट में दुबई, होनकॉन्ग, सिंगापुर, जापान जैसे देशों में रह रहे मप्र के अप्रवासियों, अन्य देशों में निवास करने वाले फ्रेंड्स ऑफ एमपी के लोगों को भी निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसके लिए ग्लोबल इंवेस्टर समिट में ही पहली बार प्रवासी मप्र समिट 25 फरवरी को समिट के दूसरे दिन होगी, मप्र को बायोफ्यूल प्रॉडक्शन में अग्रणी बनाने के लिए नई नीति बनाई गई है।
मोहन यादव सरकार प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए प्रदेश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के साथ साथ मप्र में उपलब्ध कच्चे माल की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना को मद्देनजर रखते हुए निवेश की संभावनाओं को देख रही है।