मध्य प्रदेशराज्यलोकल न्यूज़

भारत की सांस्कृतिक विविधता में हिन्दी साहित्य की तरह उर्दू साहित्य ने भी सदैव अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है: मान. धर्मेंद्र सिंह लोधी 

मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी का अलंकरण समारोह, प्रदेश एवं देश के रचनाकारों की कृतियों पर दिये गये पुरस्कार"

भोपाल: 3 सितंबर 2024

मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग द्वारा अलंकरण समारोह 3 सितंबर 2024 को मा. धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी मंत्री-संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक एवं धर्मस्व मध्यप्रदेश शासन के मुख्य आतिथ्य में शाम 5 बजे जनजातीय संग्रहालय, श्यामला हिल्स, भोपाल में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा प्रकाशित कॉफ़ी टेबल बुक का लोकार्पण भी माननीय मंत्री जी के हाथों हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री मा. धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने अपने उद्बोधन में कहा कि उर्दू अकादमी द्वारा आयोजित इस अलंकरण समारोह का उद्देश्य साहित्यकारों, विद्वानों, शायरों एवं कलाकारों की उत्कृष्ट रचनात्मक कृतियों को पहचानना एवं उन्हें सम्मानित करना है। इस प्रकार के सम्मान न केवल साहित्य संवर्धन में सहायक सिद्ध होते हैं बल्कि हमारे साहित्यकारों को भी प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही ये हमारे रचनाकारों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक होते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत अत्यंत सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक एवं भाषायी विविधता वाला देश है। कहते हैं कि हमारे देश में हर पंद्रह किलोमीटर पर पानी और हर पचास किलोमीटर पर वाणी यानि बोली बदल जाती है। पूरे भारत में अनेक भाषाएँ एवं बोलियाँ बोली जाती हैं ये हमारी गौरवशाली संस्कृति की सुन्दरता है कि देश में इतनी सारी भाषाएँ होने के साथ ही हम सब एक गुलदस्ते की तरह एक सूत्र में बंधे हुए हैं। आज भारतीय समाज में हिन्दी एवं उर्दू अभिव्यक्ति की दो पूर्ण भाषाएँ बन गई हैं। आज उर्दू एवं हिन्दी दोनों भाषाएँ दो बहनों की तरह हैं दोनों का सबंध इतना प्राण है कि हिन्दी के अनेक शब्द उर्दू में एवं उर्दू के अनेक शब्द हिन्दी का हिस्सा बन गए हैं। उर्दू भाषा का हमारे देश की मिट्टी, संस्कृति और हमारी आत्मा से गहरा सबंध है। हिन्दी और उर्दू का अंत: सबंध हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। भारत की सांस्कृतिक विविधता में हिन्दी साहित्य की तरह ही उर्दू साहित्य ने भी सदैव अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस अवसर पर उन्होंने रहीम रस खान, ग़ालिब एवं दुष्यंत कुमार के उदाहरण देते हुए उनके अशआर भी पढ़े।

 

कार्यक्रम के प्रारंभ में अकादमी की निदेशक डॉ नुसरत मेहदी ने अलंकरण समारोह के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा हर वर्ष विभिन्न विषयों एवं विधाओं पर आधारित कृतियों को पुरस्कृत किया जाता है जिससे लेखकों की साहित्यिक सेवाओं का अभिनंदन किया जा सके और जिससे दूसरे लेखकों को भी प्रेरणा मिल मिले ताकि वे भी श्रेष्ठ साहित्य की रचना करें साथ ही साहित्यिक धरोहर का संरक्षण एवं विकास भी इनका उद्देश्य होता है। उर्दू शिक्षण के क्षेत्र में उत्तम सेवाएं देने के लिये पुरस्कार देना भी उर्दू भाषा एवं साहित्य के विकास के लिये एक महत्वपूर्ण कार्य है जो उर्दू अकादमी करती है।इस वर्ष मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा तीन रचनाकारों को उनकी कृतियों पर अखिल भारतीय पुरस्कार एवं 11 रचनाकारों को प्रादेशिक पुरस्कार से माननीय संस्कृति मंत्री जी के हाथों सम्मानित किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा जिन तीन रचनाकारों की कृतियों पर अखिल भारतीय पुरस्कार दिए गए उनके नाम निम्न हैं।

प्रो. ज़िया-उर-रहमान सिद्दीक़ी अलीगढ़, राजीव प्रकाश गर्ग साहिर-लखनऊ एवं हाशिम रज़ा जलालपुरी-रामपुर।

वहीं प्रादेशिक पुरस्कार से सम्मानित किये गये रचनाकारों के नाम निम्न हैं।

डॉ. जीवन एस. रजक-भोपाल, डॉ. जलील बुरहानपुरी- बुरहानपुर, डॉ. अहसान आज़मी-भोपाल, श्री रियासत अली रियासत- बुरहानपुर, डॉ. मर्जिया आरिफ़-भोपाल, डॉ. शबाना निकहत अन्सारी-जावरा, शेहनाज़ बैगम-जबलपुर, सै. अमजद रब्बानी-जबलपुर, श्री अज़ीम असर-भोपाल, श्री सुभाष पाठक ज़िया-करेरा (शिवपुरी), एवं डॉ. आसिफ सईद- सिरोंज।

कार्यक्रम का संचालन समीना अली सिद्दीक़ी द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के अंत में मुमताज़ ख़ान ने सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!