मध्य प्रदेशराज्य

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से की मुलाकात: महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों पर चर्चा

भोपाल: 15 सितंबर 2024

शनिवार को, एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कहा, “हमारी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को उन्नत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मध्य प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्ता युक्त चिकित्सा देखभाल प्राप्त हो। एम्स भोपाल द्वारा प्रदान किए गए आंकड़े हमारी स्वास्थ्य नीतियों और कार्यक्रमों को मार्गदर्शित करने में महत्वपूर्ण हैं।”

बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स भोपाल द्वारा किए गए एक व्यापक कैंसर सर्वेक्षण के परिणाम भी जारी किए। इस सर्वेक्षण में राज्य के 41 जिलों से 47,837 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें से 28,077 (58.7%) ग्रामीण क्षेत्रों से थे, जबकि 19,760 (41.3%) शहरी क्षेत्रों से थे। यह सर्वेक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्दिष्ट विभिन्न आयु समूहों पर केंद्रित था और इसमें दंत समस्याओं जैसे दंत क्षय, पीरियडोंटल रोग, दंत असामान्यता, और मौखिक म्यूकोसल समस्याओं के बारे में भी जानकारी एकत्र की गई।

प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने सर्वेक्षण से प्राप्त इन परिणामो के महत्व के बारे में कहा “सर्वेक्षण के परिणाम मध्य प्रदेश में वर्तमान स्वास्थ्य परिदृश्य को समझने में सहायक हैं। हमारा उद्देश्य डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि प्रदान करना है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों को बेहतर बनाया जा सके। ‘मौखिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण निगरानी मोबाइल एप्लिकेशन’ और विशेष डेटा एंट्री सॉफ्टवेयर का विकास हमारे स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन को और व्यवस्थित एवं प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है,” डॉ. सिंह ने कहा।

नए विकसित मोबाइल एप्लिकेशन, ‘मौखिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण निगरानी मोबाइल एप्लिकेशन,’ और साथ ही विशेष डेटा एंट्री सॉफ्टवेयर डेटा संग्रह और विश्लेषण को सुगम बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, एम्स भोपाल ने एक ‘मौखिक स्वास्थ्य डेटा बैंक’ भी तैयार किया है, जो वर्तमान में चल रहे एवं भविष्य के शोध प्रयासों के लिए काफी सार्थक सिद्ध होंगे।

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